शक्तिशाली सूर्य कवच को पढ़ने से होगी सात पीढ़ियों की रक्षा
सूर्य कवच शरीर को आरोग्य देने वाला है एवं सम्पूर्ण दिव्य सौभाग्य को देने वाला है। सूर्य रक्षात्मक स्तोत्र को भोजपत्र में लिखकर जो भी हाथ में धारण करता है तो सम्पूर्ण सिद्धियां उसके वश में होती है। खासतौर पर मकर सक्रांति पर इस कवच के पाठ से 7 पीढ़ियों की रक्षा होती है। जानिये पुराणों में क्या लिखा है। ‘सूर्यकवचम’ याज्ञवल्क्य उवाच- श्रणुष्व मुनिशार्दूल सूर्यस्य कवचं शुभम्। शरीरारोग्दं दिव्यं सव सौभाग्य दायकम्।1। याज्ञवल्क्य बोलते है कि – हे मुनि श्रेष्ठ ! सूर्य का जो शुभ कवच है उसको सुनो, इससे सम्पूर्ण शरीर को आरोग्य मिलेगा तथा सम्पूर्ण दिव्य सौभाग्य को देने वाला है। देदीप्यमान मुकुटं स्फुरन्मकर कुण्डलम। ध्यात्वा सहस्त्रं किरणं स्तोत्र मेततु दीरयेत् ।2। चमकते हुए मुकुट वाले डोलते हुए मकराकृत कुंडल वाले हजार किरण (सूर्य) को ध्यान करके यह स्तोत्र प्रारंभ करें। शिरों में भास्कर: पातु ललाट मेडमित दुति:। नेत्रे दिनमणि: पातु श्रवणे वासरेश्वर: ।3। मेरे सिर की रक्षा भास्कर करें, अपरिमित कांति वाले ललाट की रक्षा करें। नेत्र (आंखों) की रक्षा दिनमणि करें तथा कान की रक्षा दिन के ईश्वर करें। ध्राणं धर्मं धृणि: पातु वदनं […]